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Yashpal Singh

Romance

3.6  

Yashpal Singh

Romance

हाँ ! मोहब्बत है

हाँ ! मोहब्बत है

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कुछ सबसे खुशनुमा दिन

अचानक से कैसे

बन जाते हैं

सबसे ज्यादा दुःखद।


कुछ सबसे हसीन सपने

अचानक से कैसे

टूट जाते हैं

और रुला जाते हैं हमें।


कुछ लोग जिन्हें हम

चाहते हैं

खुद से भी ज्यादा

कैसे बदल जाते हैं।


और दे जाते हैं

एक घाव उम्र भर 

के लिए।


पर उनके ऐसा करने से भी

चाहत तो कम नहीं होती

हाँ हम रूठ जाएँ भले

पर मोहब्बत तो कम नहीं होती


उम्र भर चाहूँगा तुम्हें

यही वादा है तुमसे

सोचा था मिल के कह दूंगा

पर शायद मुमकिन नहीं

इसीलिए आज कह देता हूँ

हाँ ! मुझे मोहब्बत है तुमसे।


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