Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sheetal Raghav

Romance

4  

Sheetal Raghav

Romance

मेरी पहचान

मेरी पहचान

2 mins
287



बस एक इजाजत दे दो ना,

भूल गई हूं, खुद को मैं,

मुझे मुझसे ही मिला दो ना


कहता था तू, जीवन की राह में हम दोनों एक बराबर हैं 

आज अपने बराबर मुझे कर लो ना ।


मैं आज खुद के लिए सजना संवरना भूल गई हूं। 

मेरी फैली बिखरी उलझी लटे सुलझा दो ना ।


बराबरी का एहसास दिलाते थे तुम,

वह तो अब याद नहीं,

आज मुझे खुद से ही बराबरी कर लेने दो ना ।


बस इतनी सी इजाजत दे दो, 

कि खुद से एक बार मिल लूं मै 

धूल जो पड़ गई है, 

मेरे पंखों पर, 

एक बार इसकी धूल हटा लेने दो ना ।


रानी थी कभी मैं तेरे दिल की,

वह अपना सा एहसास फिर जगा दो ना, 

और फिर से मुझे सजना संवरना सिखा दो ना ।

पंख तो है पर शायद उड़ना भूल गई हूं मैं, 

आज अपनी चाहत से फिर एक नया आसमा दे दो ना ।


चाहती थी, 

कभी आसमान में उड़ना,

आज अपने इन पंखों से मुझे 

आसमान को छू लेने दो ना ।


कभी रानी बन कर बैठी थी मै तेरे दिल में,

वह अपना सा एहसास फिर से जगा दो ना, 

और फिर से मुझे सजना संवरना सिखा दो ना ।


पंख तो है,

पर शायद उड़ना भूल गई हूं मैं आज,

अपनी चाहत का एक नया आसमान फिर दे दो ना ।


इन वादियों में, 

खुले गगन में,

मुझे फिर से उड़ान भर लेने दो ना,

लगता है, भीड़ में कहीं खो गई हूं मै, 

आज फिर इस भीड़ से उठकर नया पहचान बना लेने दो ना ।


वादा करती हूं,सिर्फ तेरी हूं, मैं,

पर एक बार तो पहली सी शीतल 

मुझे बना दो ना ।


फिर सखियों के संग गुनगुनाने दो, 

हंसती तो आज भी हूं मैं तेरे साथ, 

पर मुझे वह पहली सी हंसी लौटा दो ना ।


वह पहली बार जो मिलने का एहसास हुआ था, 

तेरे साथ, 

आज उस एहसास को फिर लौटा दो ना,


आज फिर मुझे मुझसे ही मिला दो ना ।

मिला कर मुझको मुझ ही से,

वह पहला सा प्यार जगा दो ना ।

जो अकेलेपन का अंधेरा भर गया है,

 

इस जीवन में ,

उसे अपने प्यार की रोशनी से फिर रोशन कर दो ना ।


पास लाकर मुझे मुझ पर ही एक एहसान कर दो ना,

खो गई है जो हंसी मेरे लबों से,

फिर उसे मुझे वापस कर दो ना ।


जी उठूंगी फिर से मैं,

मुझे मुझको ही लौटा दो ना । 

मुझे मुझको ही लौटा दोना ।


लौटा कर तुम मुझे मुझको ही,

मुझ पर एक एहसान कर दो।

हंसी जो खो गई है मेरे लबों से,

उसे वापस मेरे लबो तक पहुचां दो ना ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance