मेरी मां
मेरी मां
नाक बंद कर कड़वी दवा पिलाना बंद करो अब मेरी माँ
खेलने वक़्त जबरन खाना खिलाना बंद करो अब मेरी माँ
जरा सा सर्दी लगने पर टीका दिलाना बंद करो अब मेरी माँ
कितनी निर्दय हो तुम आज पता चला अब मेरी माँ ।
रोने पर चांद तारे तोड़ ला देने की प्रलोभन देती मेरी माँ
और चुप हो जाने पर वादा भूल जाती कितनी झूठी मेरी माँ
दादा अच्छे दादी अच्छी जो मेरी सब मांग पर करते हाँ
पापा अच्छे चाचा अच्छे जो कभी भी न कहते ना ।।
बात- बात पर आँख लाल पीली करना बंद करो अब मेरी माँ
तुम भी तो कभी छोटी बच्ची थी याद करो तुम मेरी माँ
डांटती हो फटकारती हो जैसे जनम-जनम की दुश्मन माँ
तंग होकर भाग जाऊँगा फिर खोजते रहना तुम मुझको माँ
कभी हंसाती कभी रुलाती पगली जैसी मेरी माँ
क्षण भर में पुचकारने आ जाती पता नहीं क्यों मेरी माँ
मेरी आँसू देख खुद भी रो देती कितनी कोमल दिल मेरी माँ ।
जब तक मैं न सो जाऊँ जागती रहती मेरी माँ
बैठ सिरहाने पास लोरी सुनाती कितनी अच्छी मेरी माँ
मैं तो ठिठोली कर रही थी रोओ तुम मत मेरी माँ
आओ तुझे एक बार गले लगाऊं मेरी प्यारी-प्यारी माँ
नादान हूँ अनजान हूँ माफ कर दो तुम मेरी माँ
छोड़ गुस्सा गले लगा लो मेरी प्यारी-प्यारी माँ ।
