मेरी माँ..!
मेरी माँ..!
मेरे लिए,
हवा
पानी
धूप
शीतल छाँव
ममता का गाँव
करुणा का
बहता दरिया
समतल ज़मी
ऊँचा पहाड़
घन गर्जन आषाण
बरखा बहार
सावन की फुहार
सुहानी सुबह
और..
साँझ की खूबसूरत
मधुर बेला है
मेरी माँ..!!
मेरे लिए,
हवा
पानी
धूप
शीतल छाँव
ममता का गाँव
करुणा का
बहता दरिया
समतल ज़मी
ऊँचा पहाड़
घन गर्जन आषाण
बरखा बहार
सावन की फुहार
सुहानी सुबह
और..
साँझ की खूबसूरत
मधुर बेला है
मेरी माँ..!!