मेरी 'लाली '
मेरी 'लाली '
जब कभी भी आपको,
मेरी कोई बात बुरी लगती हो।
कांटो के जैसी वो,
आपको कभी चुभती हो।।
तो आप शर्माना नहीं,
मुझसे पूछ लेना 'मेरी लाली' ।
अपनों से क्या शर्माना,
मैं तो तेरा माता- पिता -गुरु हूं।।
बस आपके लिए ही तो,
मैंने यह जिंदगी मांगी है।
वरना इस दुनिया में,
मेरी और भी कोई खुशी तो नहीं।।
पाया जो सब कुछ दिया,
बाकी रखी ना कोई अरमान।
पर आपसे विनती है मेरी,
रखना बनाए सदा मेरा मान -सम्मान।।
शिक्षा मेरी याद रखना,
हर -पल डिगने न देना अपना कदम।
तेरी भावना कोई न समझेगा,
दुनिया वालों में नहीं है ,तनिक भी रहम।।
मैंने पाला है आपको बड़े यतन से ।
फीका पड़ने ना देना मेरे अरमान ।।
मेरी आत्मा तुम ,
मेरे नेत्र तुम,मेरी शिक्षा सदा रखना याद।
तुम ही मेरी 'बबिता फोगाट'
तुम ही मेरी 'हिमा दास, ।।
नवयुग की अवतार तुम,
नारी शक्ति की तुम धार ।
ना कभी रूकना, ना कभी डिगना,
तुम हो देवी अवतार।।
यह युग तुम्हारा ,तुम युग- निर्मात्री।
थाम ले डोर दुनिया की अपने हाथों में।।
जैसे चाहो चलाओ ,नव- क्रांति ले आओ ।
छूलो आसमां अब एक पल ना गवांवो ।।
घर से बाहर तक,
हर- जगह खास जगह हो तेरी ।
सशक्त कर इतना अपने को, फौलाद बन, असफलता की ना कोई, वजह हो तेरी।।
बुलंदी हासिल कर, इतनी बांहें फैला।
तेरी कदमों में सारा जहां हो ,
ऐसी लक्ष्य बना।।
तुम अबला नहीं ,सबला है तेरी जात।
तुम लक्ष्मी- सरस्वती -देवी दुर्गा को कर याद।।
शक्ति तुम हो ,तुम ही हो शक्ति रुप।
अब अन्याय अत्याचार देख,
कभी न रहना चुप।।
सौ बात के बदले ,
आप समझ लो एक बात।
सत्य कर्म करो ऐसे,
किया जाए युगो -युगो तक याद।।
जब कभी भी आपको,
मेरी कोई बात बुरी लगती हो।
तो आप शर्माना नहीं ,
मुझसे पूछ लेना'
मेरी लाली' ।।