STORYMIRROR

Anushree Goswami

Drama

5.0  

Anushree Goswami

Drama

मेरी कविताएँ

मेरी कविताएँ

1 min
27.9K


मैं हकीकत में,

जीने की कायल थी,

सपनों ने मुझे,

पागल कर दिया।


मैं सूरज किरणों की,

दीवानी थी,

बारिशना बूंदों ने,

बादल कर दिया।।


मैंने परखी नहीं,

चाहत अपनी,

मेरी रूह ही मेरी,

चाह बन गई।


मुझे राहों ने जीत लिया,

मौजूदगी से अपनी,

मेरी मंजिल ही मेरी,

राह बन गई।।


मैं कुछ ही बची थी,

वो भी ढह गई,

तूफ़ान में यूँ उड़ी,

कि समुंदर में बह गई।


परेशानियों को बेबाक हो,

कुछ यूँ सह गई,

कि इश्वर के पास जाते-जाते,

अपने आप में ही रह गई।।


मैं हो गई मशहूर,

इन कविताओं की आड़ में,

इन कविताओं ने मुझे,

आसमान कर दिया।


वो शांत-सी लड़की,

बेबाक -सी हो गई,

इन कविताओं ने मुझे,

मेरे प्यार-सा कर दिया।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama