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एम एस अजनबी

Romance

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एम एस अजनबी

Romance

मेरी खता

मेरी खता

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मेरी खता


अचानक वो सामने जो आए

मैं यूँ ही थम सा गया,

धड़कने बढ़ती गईं, दिल मचलता गया

कुछ पल जड़वत बुत सा मैं खड़ा रहा,

बातों बातों में इशारों इशारों में सब वो कह गए।


दौर ये वफ़ा का जो था हसरतें बाकी रहीं

चाहतें बढ़ती गईं, आंखें तरसती रहीं,

वो अपने अरमानों का मशविरा करते रहे

मैं खामोश सुनता रहा,

होश में आ पाया जबतलक देर हो चुकी थी,

वो सामने से मेरे जा चुके थे।


काश! वो हमारी स्थिति को जो समझ पाते

कुछ पल को ठहर जाते,

खफा होना उनका लाजमी था

गिला हमको रहेगा वो मिलके भी मिले नहींं।


चाहतों का सफर यूँ ही चलता रहेगा,

जब तक हैं सांसे ये दिल धड़कता रहेगा,

यादों में तेरी मचलता रहेगा,

हरपल यूँ ही आहें भरता रहेगा,

हर घड़ी सोचता हूँ कि

खता थी जो वो खफा हो गए।


है अर्ज लौट आओ फिर से ज़िन्दगी में

अचानक सामने जो आए तुम

मैं थम सा गया,

जो खोया तेरे ख़यालों के समुंदर में

बस इतनी सी खता थी मेरी,

हाँ ये खता है मेरी।



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