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Arunima Bahadur

Romance

3  

Arunima Bahadur

Romance

मेरी होली

मेरी होली

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हाँ, लगा लिया है मैंने,

तेरे भेजे गुलाल को,

रंग खुद को तुझ में,

खोजती एक सवाल को,

हो गयी मैं तेरी,

या तू मेरा हो गया है,

दूर बहुत तो क्या,

कण कण में समा गया है,

जीती ही तुझ में हूँ,

बस तुझ में ही रहती हूँ,

रंग में तेरे रंग कर फिर,

अब क्या रंग चढ़ाना है,

अब तुझे ही जीना है,

तुझे ही गुनगुनाना है।।



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