मेरी दीवानगी है
मेरी दीवानगी है
इस जहां में हर तरफ दीवानगी है।
मंजिलों की जुस्तजू दीवानगी है।
माना हो तुम शहंशाह इस शहर के।
दिलों की बादशाहत मेरी दीवानगी है।
होके पैदा खाक से खाक में मिलना मुझे
गगन का सूरज बनू ये मेरी दीवानगी है।
मुश्किलों के पर्वतों से मैं कभी डरा नहीं।
नदी सा बढ़ जाऊंगा ये मेरी दीवानगी है।
बहुत लेकर जमाने से चले जाते हैं लोग।
बहुत कुछ देकर मैं जाऊं मेरी दीवानगी है।

