Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

4  

Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

“ अपनी बाँहों में ले लो “

“ अपनी बाँहों में ले लो “

1 min
294


तड़पते रहे तेरे बिन मेरे साजन, अब तो तड़पना सुहाता नहीं है !

संग जो मेरे तुम रहते नहीं हो, मुझको भला कुछ भाता नहीं है !!


इतने दिनों के बाद मिले हो,  

           अब तुम छोड़ के जाना नहीं !

बाँहों में मुझको रखना सदा,

           छोड़ के कभी फिर जाना नहीं !!


इतने दिन हम दूर रहे साजन, सुध मेरी कोई भी लेता नहीं है !

संग जो मेरे तुम रहते नहीं हो, मुझको भला कुछ भाता नहीं है !!


कहने को सब साथ हैं मेरे,

          पर तेरी कमी मुझे खलती है !

रात -रात भर तारे गिनकर,

          जिंदगी मेरी यूँ ही कटती है !!


अब ना रहेगी कमी कोई मुझ में, बिछुड़ना तुम्हारा सुहाता नहीं है !

संग जो मेरे तुम रहते नहीं हो, मुझको भला कुछ भाता नहीं है !!


रहूँगी सदा संग ही साजन,

          मैं भी चलूँगी साथ तेरे !

जन्मों का बंधन मान लिया,

          नहीं छोड़ूँगी ये हाथ तेरे !!


अब संग सदा मैं तुम्हारी रहूँगी, कोई दूसरा ख्याल आता नहीं है !

संग जो मेरे तुम रहते नहीं हो, मुझको भला कुछ भाता नहीं है !!


तड़पते रहे तेरे बिन मेरे साजन, अब तो तड़पना सुहाता नहीं है !

संग जो मेरे तुम रहते नहीं हो,  मुझको भला कुछ भाता नहीं है !!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance