मेरे पति देव जी
मेरे पति देव जी
पतिदेव जी की है फरमाइश
नाश्ता मिलने की है कुछ गुंजाइश ?
मैंने भी की बातों की बटरिंग की आजमाइश
खाना क्या है प्रिये बताओ जरा
कल के किए वादे को निभाओ तो जरा
किया था सिनेमा दिखाने का जो वादा
तभी मेरी सुंदरता का बखान किया था ज्यादा
बोले क्या करोगी सिनेमा देखकर
तुम किस सिनेमा से कम हो
कभी प्यार लड़ाई पंगे हर दृश्य की सम्मिलित अंग हो
मैं तुम्हें झेल कर सूखी ब्रेड हो गया हूंँ
फिर भी तुम्हारे आगे मुस्कुराकर अमूल का बटर हो गया हूंँ
अब जो भी हो जल्दी दो खाने को
ताकि शांति मिले पेट में दौड़ते चूहों को
ज्यादा बोलोगे तो
बंद करो इन बातों के खिल्लम खिल्ले को
खाओ अब जरा मेरे बनाएँ बेसन के जले चिल्ले कोय़