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Monika Raghuwanshi

Abstract

3  

Monika Raghuwanshi

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मेरे पास छोड़ दो !

मेरे पास छोड़ दो !

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मेरे पास छोड़ जाओ ये ज़रा सा तकल्लुफ़,ये हँसी दबी हुई सी !!

मेरे पास छोड़ जाओ 

ये फ़िक्रों की बंदिश ,ख़्वाहिशें दबी हुई सी !!

मेरे पास छोड़ जाओ 

ये थमें हुए तूफ़ाँ ,अनसुनी आहटें दबी हुईं सी !!

मेरे पास छोड़ जाओ 

ग़मो का क़ाफ़िला, बेरंग तस्वीर छुपी हुई सी !!

मेरे पास छोड़ जाओ 

सब अनकहे अल्फ़ाज़ और किताबें अधूरी सी !!


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