आहट भी सुनीं..सुनीं दस्तकें भी उस शांत नदी में यूं कंकर ढलकाना ! आहट भी सुनीं..सुनीं दस्तकें भी उस शांत नदी में यूं कंकर ढलकाना !
मेरे पास छोड़ जाओ ग़मो का क़ाफ़िला, बेरंग तस्वीर छुपी हुई सी !! मेरे पास छोड़ जाओ ग़मो का क़ाफ़िला, बेरंग तस्वीर छुपी हुई सी !!
पाने को कुछ नहीं , ले जाने को कुछ नहीं। पाने को कुछ नहीं , ले जाने को कुछ नहीं।
मेरे ईप्सा के मौसम में वो छम छम कर के आती है कभी आँखें नचाती है कभी दिल को लुभाती है मेरे ईप्सा के मौसम में वो छम छम कर के आती है कभी आँखें नचाती है कभी दिल...
हवा के तेवर भी तीखे हुए हैं भोर में आकर सिहराने लगी है हवा के तेवर भी तीखे हुए हैं भोर में आकर सिहराने लगी है