मेरे इश्क में कोई कमी है
मेरे इश्क में कोई कमी है
तेरे दूर जाने की वजह पता नहीं पर
शायद मेरे इश्क में कोई कमी है
इसलिए तेरी आवाज में शोर है और
मेरी आवाज कुछ सहमी सी है!
फिर लगता है कि नहीं तुझे शायद
कोई और पसंद आ गयी होगी या
फिर सारे वादों से मुकर कर
तेरी नियत में खोट आ गयी होगी!
कभी-कभी फिक्र होती है और
दिल कहीं और फिर नहीं लगता
याद आता है पीठ दिखा के जाना तेरा
जो बिल्कुल भी सही नहीं लगता!
जाने क्यों मैं यहां रह कर अकेले
तेरे जाने की वजह खोज रही हूं
सवाल है आशियाना दोनों का है तो
मैं अकेले क्यों अब तक यहीं हूं !
आखिर क्या वजह होगी कि एक खत
हमारे बात करने का जरिया बन गया
जो दिन रात फिक्र करता था कभी
वो ही मुसीबतों का दरिया बन गया!
कुछ समझ नहीं आता अब मुझे
बस इन आंखों में एक नमी है
तुझे रोक ना सके इसलिए
शायद मेरे इश्क में ही कोई कमी है!