STORYMIRROR

Shital Yadav

Romance

3  

Shital Yadav

Romance

मेरे हमसफ़र

मेरे हमसफ़र

1 min
207

पुकारता है दिल मेरे हमसफ़र आओ

आकर ज़िंदगी में फिर कहीं न जाओ


हाल यूँ तेरे बिना जलबिन जैसे मछली 

धड़कन हो मेरी तुम वफ़ा ऐसे निभाओ 


फ़िज़ाओं में महकता है इत्र ये इश्क का 

सितारों से दिल की महफ़िल यूँ सजाओ


हर मोड़ पर जहाँ में साथ तुम्हारे बीते पल 

ख़ुशी रहे या ग़म मोहब्बत को अपनाओ 


जब भी अंधेरा तन्हाइयों का घना छाने लगे 

तुम बनकर उजाला ग़म का साया मिटाओ 


हमसफ़र मेरे हमराही तुम ज़िंदगी में हमेशा 

उल्फ़त की कूची से यूँ ही रंग भरते जाओ 


जीना-मरना तेरे वास्ते ही हर जन्म हो मेरा 

रब की दुआओं से ज़िंदगी ख़ुशनुमा बनाओ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance