मेरे हमसफ़र - कविता
मेरे हमसफ़र - कविता
खुद को खोने के बाद तुमको पाया है,
रब ने ये रिश्ता कभी ना टूटे ऐसा बनाया है।
एक तुम ही हो मेरे हमसफ़र जिसने मुझे अपनाया है,
तुमने ही प्यार का असली मतलब समझाया है।
जैसे अंधेरे को चांद का साया मिला है,
मेरी बेरंग ज़िन्दगी में तुम्हारा साथ मिला है।

