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Sunita Shukla

Classics

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Sunita Shukla

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मेरे गीत

मेरे गीत

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चलो मितवा मेरे हमदम कहीं अब दूर चलते हैं, 

जमाने की निगाहों से ज़रा बच के निकलते हैं।


ये वो प्यारे, हमारे पल जिन्हें हम ढूँढते रहते,

ये वो नाते, ये वो रिश्ते जिन्हें हम दिल में रखते हैं।


ये वो मंज़र जिसे हमने सदा ख़्वाबों में देखे थे,

चलो हाथों में लेकर हाथ इन राहों पर गुज़रते हैं।


बुने थे ख्वाब जो हमने यहाँ अब सच वो करते हैं,

चलो मितवा मेरे हमदम कहीं अब दूर चलते हैं।


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