मेरा प्यारा भारत
मेरा प्यारा भारत
मेरा प्यारा भारत देश
जब भारत था निश्चल था
तनिक नहीं किसी में द्वेष था
अनेक थे फिर भी एक थे
विश्व जगत में पहचान थी
सब को ही ये गुमान थी
हम एक है भारत के वासी
संस्कृति भी अनेक है
वेश भूषा भी अनेक है
जाति धर्म भी अनेक
फिर भी एक भारत
जन भी सब एक है
मंदिर में छिड़ते भजन
मस्जिद से आती अजान
राम को चोट लगे जब
दर्द से तड़पे हैं रहमान
कि आज भी भारत देश महान।