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मेरा दिल नादान

मेरा दिल नादान

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जाओ बेशक मेरी जिंदगी से

मैंने दिल पे लगाना छोड़ दिया

तू अपने वादे से मुक़र जा

मैंने वादा करना छोड़ दिया।


कितने पल तूने साथ गुजारे

कितनी बार दिल तुम्हे पुकारे

कभी दिल तक आवाज नहीं आती

क्या दिल की सुनना भी छोड़ दिया।


जब तुमने अब फैसला किया है

कहती हो लम्हों को भुला दिया है 

रखता हूँ पत्थर अपने दिल पर

देखता हूँ समझता है क्या पल भर।


जाने वालो को कौन रोक सकता है

नासमझ सनम को कौन पूछता है

तू भले चली जा जिंदगी से 

कोशिश करूँगा दिल पे ना लगाना।


मुश्किल है ये मैं जानता हूँ

अपने दिल को पहचानता हूँ।


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