मेरी प्रियतम।
मेरी प्रियतम।
खुशियों का बादल और झूमता सावन होगा प्यार और
विश्वास से लीपा अपना आंगन होगा।
तेरे हाथों को थामे मैं कलम बन जाऊंगा
तू मेरी स्याही मैं तेरा शब्द बन जाऊंगा।
तेरे पायल की छम छम से दिन चढ़ता है मेरा
तेरे काजल से दिन ढलता है मेरा,
मैं चांद हो जाऊंगा तेरे आंचल में ही सो जाऊंगा।
खुदा से करता हूं मैं बेइंतहा मोहब्बत, पर तेरी सादगी देख
लगता है तेरा ही नमाजी बन जाऊंगा तुझे ही पढ़ता जाऊंगा।
सुबह की धूप बारिश की बूंद कोहरे की धुंध में बसी तेरी काया
मैं छाया हो जाऊंगा तुझ में समा जाऊंगा।
कई गजल और नज्में आती है खूबसूरती के बाजार में
मैं तेरे प्यार के गीत को ही गुनगुनाऊंगा।
मैं तेरा कवि बन जाऊंगा।

