मेले की भीड़ में
मेले की भीड़ में
मेले की भीड़ में
आँख उनसे लड़ गई।
अचानक ही आज
मुलाकात हो गई।
अजनबी से लगते थे
फिर भी नजर
उठाकर देखते थे।
खूबसूरती उनकी
मन को आज भा गई।
आँख से आँख लड़ी
बात दिल से हो गई।
महिला और पुरूषों की
अलग - अलग भीड़ थी
आपस में जब भी देखो
नैनो से नयन मिलते थे।
बात हो न हो
दिल सब समझते थे।
नैनो के इशारे।
बहुत कुछ कहते थे।
कार्यक्रम पूरा होते
आकर वो मिले।
नाम लेकर पूछ लिया।
वहाँ समझ कुछ न पाया
फिर भी हाँ में हाँ
उनकी मिला दिया।
पहले कहाँ, कब मिले
उन्होंने बातों - बातों में
सबकुछ बता दिया।
कुछ पल के याराने ने
बहुत कुछ कह दिया।
कब और कहाँ मिलेंगे
इशारों में कह दिया।
छोटी - सी मुलाकात
दिल में उतर गई।
मुद्दत से भी अच्छी
खुशी आज पल
भर में मिल गई।
नाम - पता न पूछ पाये।
बस यादों को लिये
अपने घर चल दिये।
टाटा और बाय - बाय
चलते - चलते कह दिये...।।