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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

मेहनत करो,ईमानदारी से

मेहनत करो,ईमानदारी से

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मेहनत करते रहो, आप ईमानदारी से

सफलता मिलेगी,तुम्हे,तुम्हारी बारी से

आसमां झुकेगा,हौंसलों की ऊंचाई से

कर्म करते रहो, बस आप वफ़ादारी से


लक्ष्य मिलेगा शूल भरी हुई क्यारी से

लड़ते रहो,झूठ,छद्म की चार दिवारी से

सँघर्ष करते रहो,इस रात अंधियारी से

रवि उगेगा एकदिन,आपकी अटारी से


चलते रहो,अपने पैरों की किलकारी से

मंजिल मिलेगी,कंटीली भूमि बंजारी से

फूल खिलेगा,तुम्हारी श्रम की आरी से

मेहनत करते रहो,आप ईमानदारी से


उन्नति चाहते,दूर रहो उस रिश्तेदारी से

जो सामने मीठे बनते छद्म तलवारी से

जो पीठ पीछे खंजर घोंपते,मक्कारी से

जिंदगी जीना,बस साखी तू खुद्दारी से


मरु भूमि भी बनेगी,वसुधा,कर्म कटारी से

लगातार लड़ता रह,भीतर की बेकारी से

छुटकारा मिलेगा आलस्य की बीमारी से

पत्थर मोम बनेगा, कर्मअग्नि की नारी से।


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