मौत तेरा डर नहीं
मौत तेरा डर नहीं
मौत तेरा डर नहीं, महफूज़ हूँ मैं कोई शक नहीं
ये रूह है मेरी रक्त यही, तू जीत जाये तेरा वक्त नहीं
संभल के चल तु लडखडाएगी, अभी मौन हूँ तू घबरायेगी
दिखा हिम्मत चल लडते हैं, हाँ! तू डर के भाग जाएगी
आना हो वक्त लेकर आना, तेरी मौजुदगी का कोई हक नहीं
ये युद्ध मेरा, मेरे प्राण हैं तू छीन ले ये तेरी औकात नहीं
इरादे भी पक्के हैं मेरे, होसलों से भरी हर उडान है
जितने तेरे अहसान हैं उससे कहीं ज्यादा मेरी पहचान है
आयेगा एक वक्त वो भी मैं तुझको भी गले लगायेगी
रूक थोड़ा विश्राम कर, तू ! सब्र तो कर पायेगी।
