मैं यूँ ही नहीं तेरा दीवाना
मैं यूँ ही नहीं तेरा दीवाना
डूब कर तेरी नशीली आँखों के जूनून में
मैं भुला नहीं सकता तेरी ये आसमा की रंगत
तू कभी ज़हर भी देगी तो पी लेगे अब कोई
फ़िक्र नहीं की फिर कोई और शाम भी देखेंगे
तू अगर दिल भी माँगे तो देदू तुझे अपनी धड़कन
तेरे हुस्न की लाली से हर शाम की लाली
तेरे सुर्ख होठों से हर गुलाब की रंगत
तेरी सादगी में है जो सुंदरता वो
नहीं किसी फूल की रंगत में
तेरी आँखों में है सुबह की महक
तेरे हुस्न में है हर फूल की झलक
तेरे बहती ज़ुल्फों में है हर घटा की सुरत
तेरी एक नज़र को देख मेंने तोड़ी हर भूल भुलैया को
तेरी हर अदा में है हर कली का खिलना
तू है मेरे दिल की धड़कन
तेरे हुस्न के नूर के नशे में डूब कर मैं भूलू हर दिशा
हर तरफ़ तेरे जिस्म की महक
झूलता है मेरा रोम रोम तेरी पल्को की आहट पे
यूँ ही नहीं मैं तेरा दीवाना
तेरी हर आहट में होता हूँ मैं मगन
मेरी रूह में तू ही बसी
हर दिशा में सिर्फ तेरी ही महक
तेरी चूड़ियाँ की खनक
तेरी बिंदिया की चमक
तेरे बालों की महक
तेरे जिस्म की झलक
बना देती है मुझे तेरा दीवाना
मैं यूँ ही नहीं तेरा दीवाना
मैं यूँ ही नहीं तेरा दीवाना।