मैं वही इंसान हूँ
मैं वही इंसान हूँ


कल तक जो सबको
हँसना सिखाता था
मुश्किलों का सामना
करना सिखाता था।
जो कहता था
चाहत में धोखा न देना
बेवफा कहलाने का
मौका न देना।
आज आपनों से
धोखा खाए बैठा हूँ
पलकों में आंसू
दबाये बैठा हूँ।
जो कल तक था
खुशियों का चमन
आज गमों से भरा हूँ
मैं वही इंसान हूँ !