मैं तुम्हें कैसे यकीन दिलाऊँ
मैं तुम्हें कैसे यकीन दिलाऊँ
मैं उलझा हुआ हूँ खुद से ही कुछ खफ़ा सा हो गाया हूँ
इसका यकीन तुझे कैसे दिलाऊँ
मैं बिगड़े हालातों से घिरा हुआ हूँ डूबा हुआ हूँ
इसका यकीन तुझे कैसे दिलाऊँ
मैं हालात से लड़ने की जद्दोजहद में लगा हुआ हूँ
हिम्मत से मुश्किलों का सामना करने में लगा हुआ हूँ
इसका यकीन तुझे कैसे दिलाऊँ
खैर छोड़ो तुम मेरे इस यकीन पर
यकीन करो या न करो मुझे खुद पर यकीन है
की मैंने अभी तक हार नहीं मानी है न ही कभी हार मानूँगा
मैं इन बिगड़े उलझे हुए हालात से लड़ लूँगा इतना भरोसा खुद पे है
मैं जीत पाउँगा या नहीं ये नहीं जानता पर हाँ
हार नहीं मानूँगा इसका यकीन मैने खुद को दिलाया है
मेरा तुझ पर यकीन है ये मैं तुम्हें कैसे यकीन दिलाऊँ!