मैं सत्य हूँ, मैं ज्ञान हूँ
मैं सत्य हूँ, मैं ज्ञान हूँ
मैं सत्य हूँ, मैं ज्ञान हूँ,
तुम्हारा अभिमान हूँ,
सौंदर्य से परिपूर्ण हूँ,
मैं ख़ुद से भी महान हूँ,
मैं सत्य हूँ, मैं ज्ञान हूँ !
अमल करो जो बात पर,
तुम्हारे मन का ध्यान हूँ,
हर एक जीभ पर नहीं,
पर मैं सबका ही अरमान हूँ,
मैं सत्य हूँ, मैं ज्ञान हूँ !
मीठा नहीं कटु मैं हूँ,
मैं दीर्घ हूँ लघु मैं हूँ,
मैं कईयों से अनजान हूँ,
हाँ मैं तो घमासान हूँ,
मैं सत्य हूँ, मैं ज्ञान हूँ !
किसी का तो सखा मैं हूँ,
किसी की तो मैं शान हूँ,
पर आजकल की सभ्यता में,
हाँ ! हो गया गुमनाम हूँ !
मैं रिश्ते तोड़ता भी हूँ,
मैं रिश्ते जोड़ता भी हूँ,
कभी किसी के भी लिए,
अलग सा ही परिणाम हूँ,
मैं सत्य हूँ, मैं ज्ञान हूँ !
अखंड हूँ अचल भी हूँ,
प्रचंड हूँ प्रबल भी हूँ,
आरंभ हूँ अटल भी हूँ,
कठोर हूँ सरल भी हूँ,
हाँ हूँ मैं मिलन सार भी !
मैं हूँ दुखों का वार भी,
ख़ुद में झाँक ले ज़रा,
तुझी में विद्यमान हूँ,
मैं एक वरदान हूँ,
मैं सत्य हूँ, मैं ज्ञान हूँ !