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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

मैं सक्षम हूँ

मैं सक्षम हूँ

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 मुझे किसी की दया नहीं चाहिए,

 मैं  खुद  में  इतनी  सक्षम  हूँ

 मुझे अपने पर है पूर्ण भरोसा क्योंकि,

 मैं ही परिणाम हूँ मैं ही परिश्रम हूँ


 मेरी तकदीर की परवाह मत कर,

 मैं आज की सशक्त नारी हूँ

 मैं  जीत  की  परिभाषा हूँ,

 मत समझना कि मैं बेचारी हूँ


मैं नहीं डरती विषम परिस्थितियों से,

मेरी साधना एक सफल परिणाम है

मेरा संपूर्ण जीवन ही संघर्षरत है,

मुझे कहां सुकून मुझे कहां विश्राम है


चाहे आ जाए राह में दुराचारी शक्ति,

नहीं डरती मैं अडिग रहती हूँ

मैं धूप की तपिश को जीवन भर,

बिना आह किए सहती हूँ


दुनिया की हर मुसीबतों से लड़ सकूं,

वह शक्ति मैं खुद में समेटे हूँ

मैंने मानवता को जिंदा रखा है फिर भी,

मैं व्यर्थ के आरोप जहन में लपेटे हूँ।


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