मैं रंग जाऊं तेरे रंग में
मैं रंग जाऊं तेरे रंग में
लेकर तुझको आगोश में अपनी पूरी हसरत कर लूँगा,
मैं मल दूंगा तेरे गालों पर गुलाल रंगीन कर दूंगा।
होगा कोई बहाना नही कि जो रोक सके तुम्हें छूने से,
मेरी रंग में रंगने से और अरमान तेरे भिगोने से।
फिर होली की मस्ती में सखी संग तू भी बहक जाएगी,
तेरे रंगों की खुशबू से गलियाँ सारी महक जाएगी।
फिर होगा रंग गुलाबी और बदन तुम्हारा भीगा भीगा,
टूटेंगे फिर सारे बंधन और टूटेंगी हर एक सीमा।
कोई बंधन देकर दुहाई रोके कोई जतन ऐसा नहीं होगा
दूर तलक छा जाएगा वो खुमार तुम्हारा ही होगा।
मैं रंग जाऊं तेरे रंग में अब तू ऐसा कोई कर दे ना काम,
तरस गया दिल पिने को वो नैनों से तू पीला दे जाम।