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Jeet Jangir

Abstract

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Jeet Jangir

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ये होली का त्यौहार

ये होली का त्यौहार

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ये होली का त्यौहार दिल में रंग अमन के भर जाएँ,

मोहब्बत हो चारो मेर ऐसा काम ये कोई कर जाएँ।


ना हो कोई जातिधर्म और ना रंगभेद का बंधन हो,

सबके सर पर चढ़ जाएँ वो रंग राष्ट्र का चन्दन हो।


कोई किसी के लाल लहू का प्यासा ना इन्सान दिखे,

दिखे मंदिरों का धर्म और मस्जिद का ईमान दिखे।


हो धरम का करम बाद में पर पहले ये भारतदेश रहें,

गंगा और जमुना के पानी का सम्मिश्रित परिवेश रहे।


परमतत्व का परमज्ञान हो मनुजता का सम्मान रहे,

दिल में तिरंगा प्यारा हो हाथों में गीता या कुरान रहें।


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