मैं पराई हूं
मैं पराई हूं
सुनो ना,
जन्म से एक शब्द जुड़ा है मेरे संग दाता ,
मैं पराई हूं,,
मैं पराई हूं जहां जन्म लिया मैंने,
आधा जीवन दिया गुजार ,,
तेरा ही अंश होकर बाबा ,
मैं फिर भी पराई हूं,,
लाड़ पूरा मिला मां बाबा से,
पर जीवन आधा गुजार पाई,,
हर जिद मेरी पूरी हुई,
पर मैं पराई हूं कई बार यह बात सुनी,,
ब्याहकर मुझे मेरे घर भेजा बाबा,
बाकि जीवन वहां गुजार दिया,,
हर कर्तव्य निभाया मैंने,
सबको हमेशा खुश रखा,,
पर वहां भी मैं पराए घर से आई हूं,
अपनी हूं पर मैं पराई हूं,,
किस लेखनी से यह शब्द लिखा मेरे दाता,
जीवन गर लड़की का दिया ,,
घर क्यों फिर पराया दिया,
जहां जन्म मिला वो घर भी पराया है,,
जहां नाता जुड़ा वहां भी मैं पराई हूं,
अपना होकर भी अपना नहीं,,
यह अधूरापन क्यों हमें मिला है।