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Suresh Koundal 'Shreyas'

Abstract Inspirational

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Suresh Koundal 'Shreyas'

Abstract Inspirational

मैं इक दीया माटी का

मैं इक दीया माटी का

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मैं इक दीया माटी का

मैं प्रतीक जीवन का 

करने रौशन अंधियारे जग को 

मैं अस्तित्व में आया


मैं इक दीया माटी का 

गूंथ कर गीली माटी

कुम्हार ने मुझे बनाया

डटा रहूं मैं लक्ष्य पर अपने

आग में मुझे तपाया

करना है उजियारा जग में

मुझे मेरा उद्देश्य सुझाया


मैं एक दीया माटी का 

मैं प्रतीक जीवन का 

ना मैं कोई धर्म जानूँ

ना मैं जानूँ जात पात

नज़र में मेरी सब समान

मैं दीपक मन्दिर का

भक्तों का विश्वास 

मैं चिराग मज़ार का 

फरियादी की आस

जन्म से लेकर मृत्यु तक

निभाता मानुष का साथ

करता रौशन दीवाली पर

घर आंगन आकाश 

मैं संकल्प सुहागन का 

मैं विश्वास बहना के मन का 


मैं इक दीया माटी का 

मैं प्रतीक जीवन का 

हवा के तेज थपेड़े सहता

अकेले तम से लड़ता

कभी न लड़खड़ाता

कभी न थकता 

कर्तव्य के पथ पर 

कभी नही मैं बिचलित होता

निस्वार्थ भाव से कर्म करता 

खुद को जला कर मैं

इस दुनिया को रोशन करता 

हाँ मैं इक दीया माटी का 

मैं प्रतीक जीवन का ।।



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