STORYMIRROR

Rajit ram Ranjan

Abstract

3  

Rajit ram Ranjan

Abstract

मैं हूँ... !

मैं हूँ... !

1 min
346

मैं हूँ

उसकी पहचान, औऱ वो हैं

मेरी जान !


मुश्किल हालात में

जो कभी हिम्मत ना हारे

हर कामयाबी उसपे

क़ुर्बान !


कामयाबी सफलता चूमेगी

डटकर अड़े रहेंगे,

लाख आये कठिनाई

हम पँख पसारे खड़े रहेंगे!


अब डर से हमें

कोई डर नहीं,

यहाँ मुश्किल कोई डगर नहीं,

मैं हूँ....

खुद का मालिक !



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract