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S K Maurya

Action Inspirational

3  

S K Maurya

Action Inspirational

मैं चल पड़ा ....

मैं चल पड़ा ....

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क्या चल रहा, क्या हो रहा

मुझको नहीं कुछ भी पता

बस जिंदगी की राह में

मैं चल पड़ा, मैं चल पड़ा।


अनजानी सी राह है

सबकुछ अलग सबकुछ विचित्र

पर देखकर के वक्त की चाल

मैं चल पड़ा, मैं चल पड़ा 


सब भावनाएं सब संवेदनाएं

सबको लिए है साथ अपने

जो डगर सीधी दिखी,

मैं उसी पर चल पड़ा

मैं चल पड़ा, मैं चल पड़ा।


राह अनजानी भले है,

पथ भले ही है विचित्र

पर देखकर के राहियों को

मैं उसी पर चल पड़ा,

मैं चल पड़ा, मैं चल पड़ा।


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