STORYMIRROR

S K Maurya

Inspirational

4  

S K Maurya

Inspirational

मां

मां

1 min
353

मां तेरे बलिदान को,

मै कैसे भूल सकता हूँ।

तेरे दिए गए ज्ञान को,

मै कैसे भूल सकता हूँ।


तुम आंधियों कि तीव्र गति से,

मुझको बचाया करती हो।

तुमही तो "मां" हर संकट में,

मुझको हिम्मत दिया करती हो।


अपने दुखों को भूल कर,

मुझको छाया देती हो प्रथम।

अपने आंसुओं को रोक कर,

मुझको सहारा देती हो प्रथम।


इस जग की तीव्र धूप में,

मुझको शीतल छाया देती हो।

मेरे मन में उठने वाले,

हर प्रश्नों का उत्तर देती हो।


मेरी हर गलती को तुम,

अपने आंचल में छुपाया करती हो।

मेरे इस चंचल मन को तुम,

एक नया लक्ष्य प्रदान करती हो।


मेरा जीवन बने सफल इसके लिए,

तुम प्रतिपल सजग है रहती हो।

मुझ पर आने वाले संकट के लिए,

तुम मुझे पहले ही तैयार कर देती हो।


तुम गंगा की धारा की तरह,

सदा ही चलती रहती हो।

तुम सूरज की ही भांति,

घर को उजाला देती हो।


मां तुम मेरे जीवन के,

हर पल में मेरे साथ रहो।

मेरे इस अंधकार मय जीवन को,

तुम यूं ही उज्वल करती रहो।


ईश्वर से भी पहले,

मां मैंने तुमको देखा है।

तुम को जानने के बाद ही,

मैंने ईश्वर को जाना है।


मां तुम्हारे आशीष से ही,

मैं नए पथ पर आगे बढ़ता हूं।

आने वाली कठिन समय को भी,

मैं सरल बनाता जाता हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational