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Harish Bhatt

Tragedy

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Harish Bhatt

Tragedy

मैं और तुम

मैं और तुम

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क्या कहोगे तुम

कहना था जब

खामोश थे तब

बात ही क्या अब

क्या कहूं मैं और

क्या सुनोगे तुम

जिंदगी का सफर

मीलों की दूरी और 

सदियों सी तन्हाई

अपनों की महफिल

पराया सा व्यवहार

हम नहीं रहे हम

अब तो बस

तुम-तुम और मैं-मैं


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