STORYMIRROR

Abhaya Mishra

Drama

4.3  

Abhaya Mishra

Drama

मैं और मेरी छोटी सी दादी !

मैं और मेरी छोटी सी दादी !

2 mins
27.6K




मैं और मेरी छोटी सी दादी, बिलकुल हम उम्र ही हैं,

न दांत मेरे आये हैं बहुत,और दांत उनके भी कम ही हैं,

मैं भी नखरे देता हूँ बहुत, भाव बहुत वो खाती है,

मैं भी सुनता नहीं हूँ ज्यादा, सुन वो भी कम ही पाती है,


मैं भी बौड़म कहलाता हूँ, वो भी बहुत बौराई है,

मैं भी डांटा जाता हूँ, तो पल पल उसने भी डांट ही खाई है,

मैं भी बीमार हो जाता हूँ, वो भी बीमार कहलाती है,

मैं भी खुद खड़ा नहीं होता, वो भी खड़ी ही की जाती है,

मैं रो कर ही बताता हूँ कुछ, वो भी अक्सर ही रोती है,


बस,

बस मैं चुप कराया जाता हूँ और वो खुद चुप हो जाती है,

बस मैं खिलाया जाता हूँ, वो खुद से गुपचुप खा लेती है,

बस मैं मनाया जाता हूँ, और वो मान जाती है,


जानता हूँ,

घुटनों बल चलती हो क्यूँकि मैं अभी दौड़ नहीं पाऊँगा,

पैसे हैं नहीं ऐसा कहती, डरती हो मैं सिक्के निगल जाऊंगा,


चलो भाग चलें दादी, क्यूंकि सब कहते हैं -

तुम्हारा बिस्तर रहेगा यहाँ, पर तुम चली जाओगी,

मेरी आँखों में देख हँसने फिर कभी नहीं आओगी,

सामान अब भी फैलाता हूँ बहुत, अलमारी में कौन सजाएगा,

मम्मी से फिर लड़, पापा से सिफारिश कौन लगाएगा,


पर हो सके तो, आना ज़रूर मुझसे मिलने,

कभी खिड़की के बाहर तो कभी दरवाजे के पीछे,

कोई मेरी चूती हुई लार अपनी साड़ी से पोंछे,

कहती हो जैसे, वैसे ही थोडा बड़ा हो जाऊंगा,

मानूंगा हर बात, वैसे ही पापा का साथ निभाऊंगा,


उन झुर्रियों से तेरे हाथ पे,

फिर से एक रास्ता बनाऊंगा,

बना के रखना एक झूठी कहानी तुम,

सुनने जिसे उस रस्ते पे मैं दौड़ा आऊंगा ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama