मैं आ रहा हूँ
मैं आ रहा हूँ


मैं आ रहा हूँ।
जीवन बन तुझ में धड़कने,
मैं आ रहा हूँ।
प्राणवायु बन तुझ में घुलने,
मैं आ रहा हूँ।
श्रृंगार बन तेरे रूप में दमकने,
मैं आ रहा हूँ।
बेनी-गजरा बन बालों पे संवरने,
मैं आ रहा हूँ।
बसंती दुपट्टा बन कंधों को ढंकने,
मैं आ रहा हूँ।
तेरा मान, होठों का गान बनने,
मैं आ रहा हूँ ।
तेरी लज्जा, तेरी इज़्ज़त,
तेरा ध्यान, अमृतपान बनने ,
इंतज़ार करना प्रिये,
मैं आ रहा हूँ। मैं आ रहा हूँ ।