Chetan Gondalia
Abstract
इक मुद्दत से आरज़ू थी कि
फ़ुरसत मिले तो सब से मिलें...
और फ़ुरसत मिली तो इस
शर्त पर मिली के
किसी से न मिलें।
निवृत्त सेनान...
सबसे सच्चा और...
सफर जारी है.....
सूख लगे...
फ़ुरसत
समय बहरा होता...
जरूरी था...
सीख लो..
किये होंगे...
ये आग सारे और सबकुछ पंचतंत्र के एक अभिन्न अंग है जो पवित्रतम है इंसान सिर्फ रूप देता ये आग सारे और सबकुछ पंचतंत्र के एक अभिन्न अंग है जो पवित्रतम है इंसान स...
मेरे दिल ने तुझ से कहाँ कुछ ज्यादा माँगा है ! मेरे दिल ने तुझ से कहाँ कुछ ज्यादा माँगा है !
फिर भी आपको देखकर खुश हम भी मुस्कुराते हैं। फिर भी आपको देखकर खुश हम भी मुस्कुराते हैं।
आधुनिकता मेरे यारो, कि जिसका हम खुल कर समर्थन करें। आधुनिकता मेरे यारो, कि जिसका हम खुल कर समर्थन करें।
समाज आज भी इनको अपनाना नहीं चाहता हैं तो फिर,आप सब ही बताए कैसे यह समाज बदलेगा? समाज आज भी इनको अपनाना नहीं चाहता हैं तो फिर,आप सब ही बताए कैसे यह समाज...
मगर इस धागे से मजबूत कोई जंजीर नहीं होती। मगर इस धागे से मजबूत कोई जंजीर नहीं होती।
युग युगांतर कई वीर हुए, कुटुंब दर कुटुंब बढ़ ते चले जग संसार विजयी हुए प्राणी एवम् युग युगांतर कई वीर हुए, कुटुंब दर कुटुंब बढ़ ते चले जग संसार विजयी हुए प...
नहीं टिकती अब रस्में पुरानी बिन फेरों का अनूठा साथ। नहीं टिकती अब रस्में पुरानी बिन फेरों का अनूठा साथ।
तैयार सभी और इन सबको आगोश में लेने बेकरार, रजनी भी ! तैयार सभी और इन सबको आगोश में लेने बेकरार, रजनी भी !
जीना सबका दुश्वार हुआ दुखों में संसार डूब गई जीना सबका दुश्वार हुआ दुखों में संसार डूब गई
थामे रहना हाथ मेरा ऐ ख़ुदा कांटों भरा ये जीवन। थामे रहना हाथ मेरा ऐ ख़ुदा कांटों भरा ये जीवन।
इस पर, फैला कर कचरा इसे गंदा न कर। इस पर, फैला कर कचरा इसे गंदा न कर।
ज़िंदगी तेरे सुक़ून में ख़ुशी का बसर है तेरी ज़रूरत से ज़्यादा कुछ भी ज़हर है। ज़िंदगी तेरे सुक़ून में ख़ुशी का बसर है तेरी ज़रूरत से ज़्यादा कुछ भी ज़हर है।
तुम क्यों और क्या करते हो। तुम क्यों और क्या करते हो।
आज नाप दो, ये पाप की धरती वामन के दो डग से। आज नाप दो, ये पाप की धरती वामन के दो डग से।
HOW WOULD YOU DEFINE LIFE IN WORDS? I KNOW ALL HAVE DIFFERENT WORDS TO EXPRESS, HERE IS MY VERSION O... HOW WOULD YOU DEFINE LIFE IN WORDS? I KNOW ALL HAVE DIFFERENT WORDS TO EXPRESS, ...
तू भी बेटी हो किसी की मैं भी तेरी बेटी हूं ना मारो कोख में मुझे ऐसा क्या मजबूरी है।। तू भी बेटी हो किसी की मैं भी तेरी बेटी हूं ना मारो कोख में मुझे ऐसा क्य...
आसमान की सैर करता पंख अगर मेरे भी होते। आसमान की सैर करता पंख अगर मेरे भी होते।
ये बेवजहापन ही कायनात के होने की वजह तो नहीं। ये बेवजहापन ही कायनात के होने की वजह तो नहीं।
ढूंढनी होगी मंजिल, ताकि उस ओर बढ़ा जा सके, ढूंढनी होगी मंजिल, ताकि उस ओर बढ़ा जा सके,