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Chetan Gondaliya

Others

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Chetan Gondaliya

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सबसे सच्चा और सबसे अच्छा

सबसे सच्चा और सबसे अच्छा

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"एक दिन मेरे पास एक बच्ची आई,और हल्के से उसने हँसते हुए कहा,'मुझे सब कुछ बताओ, अब मैं बिनती करती हूं,पृथ्वी पर आपके लिए सबसे सुंदर कौन सा बालक है?"'क्या वह गुलाब है, इसकी भीनी सी खुशबु के साथ?क्या वह हीरे की खान का रत्न है? या फिर क्या वह शंख है, जिसका समुद्र-गीत शांत है?या वह मोती, जो वहां नीचे की गहराई में चमकता है?'"मैंने उसे उत्तर दिया, 'गुलाब वो हालांकि गोरा है,हालांकि वो हीरा नन्हें सूरज की तरह चमकता है;ओह, जिसकी कोई कल्पना-तुलना में समर्थ नहीं ,मेरी चुनी हुई सुंदरता के साथ, मेरी सबसे शुद्ध।"'मेरे लिए, गुलाब से कहीं ज्यादा मीठा खिलता है,हमारे दुख की, शोक की, और परवाहों की दुनिया में;हीरे की रोशनी जिन के आगे फ़ीकी लगती है,उस प्रभामंडल के लिए जो जहां चमकता है;"'सारी पृथ्वी पर मेरी सबसे अच्छी चीज,एक छोटा बच्ची घुटने टेककर प्रार्थना करती है,और सागर की मधुर ध्वनि से भी मधुर भारी शब्द हैं, वह नम्रता से कहती है। "'हाँ, जैसा कि मैं घुटने टेकते बच्चे को देखती हूँ, उनमें से मैं सोचती हूँ, जिन्हें हमारे उद्धारक भी आशीष देते हैं,और मैं सब कुछ निष्पक्ष और कोमल जानती हूं,वैसे एक बच्चे का शुद्ध, नन्हा हृदय सबसे अच्छा होता है।


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