Chetan Gondalia
Abstract
समय बहरा होता है।
किसी की नहीं सुनता..
पर अंधा बिल्कुल नहीं होता...
नजर सब पर रखता है !!
निवृत्त सेनान...
सबसे सच्चा और...
सफर जारी है.....
सूख लगे...
फ़ुरसत
समय बहरा होता...
जरूरी था...
सीख लो..
किये होंगे...
तब वो भला माँ के कर्ज से मुक्त कहां कैसे हो सकते ? तब वो भला माँ के कर्ज से मुक्त कहां कैसे हो सकते ?
आशा नहीं फिर जीवन बने रेगिस्तान, आशा का है जीवन में बड़ा ही स्थान आशा नहीं फिर जीवन बने रेगिस्तान, आशा का है जीवन में बड़ा ही स्थान
'मैं तो कुछ कहता नहीं' कह कर, दिन-रात सुनती ही जाती हैं 'मैं तो कुछ कहता नहीं' कह कर, दिन-रात सुनती ही जाती हैं
मौत के भी प्रश्न का हल ढूंढ पाएगी यहाँ। मौत के भी प्रश्न का हल ढूंढ पाएगी यहाँ।
एक ओस की बूंद गिरते ही भींग सकता है मन प्रेम में बहुत कोशिशों की जरूरत नहीं होती। एक ओस की बूंद गिरते ही भींग सकता है मन प्रेम में बहुत कोशिशों की जरूरत नहीं ...
हौसले के साथ उड़ना एक बार ऊंची उड़ान है। हौसले के साथ उड़ना एक बार ऊंची उड़ान है।
चाहती हो, मुझे भूलना शौक से भूला दो तुमको मैं भूल जाऊँ। चाहती हो, मुझे भूलना शौक से भूला दो तुमको मैं भूल जाऊँ।
होते है नीम वैद्य झूठे कुछ, उनको पहचान उनसे डर लेते। होते है नीम वैद्य झूठे कुछ, उनको पहचान उनसे डर लेते।
क़ीमतें हम अपनी मेहनत की तुमको बताने बैठें हैं। क़ीमतें हम अपनी मेहनत की तुमको बताने बैठें हैं।
इस कदर प्यार मेंं वो डुवे रहे कम्बक्त येे दिल, फिर भूल क्यों गया। इस कदर प्यार मेंं वो डुवे रहे कम्बक्त येे दिल, फिर भूल क्यों गया।
परिवर्तन प्रकृति का शास्वत सत्य है, ऐसा हो ही न ये तो नामुमकिन है। परिवर्तन प्रकृति का शास्वत सत्य है, ऐसा हो ही न ये तो नामुमकिन है।
मल जल में मिलती, नित-नित घुलती, सदा मलिनता, रोग गुनो। मल जल में मिलती, नित-नित घुलती, सदा मलिनता, रोग गुनो।
जीवन एक लंबी रेखा है धूप छाँव का झरोखा है। जीवन एक लंबी रेखा है धूप छाँव का झरोखा है।
कभी-कभी कितना कुछ किसी से कहना चाहते हैं! कभी-कभी कितना कुछ किसी से कहना चाहते हैं!
यों बैठे मुँह लटकाए करते हो अब क्यों गिला। जिस मुकाम की चाहत में थे तुम्हें वही अंजाम यों बैठे मुँह लटकाए करते हो अब क्यों गिला। जिस मुकाम की चाहत में थे तुम्हें व...
इस आवाज़ को जिसकी न शुरुआत की खबर हैं न ख़त्म होने के चर्चे। इस आवाज़ को जिसकी न शुरुआत की खबर हैं न ख़त्म होने के चर्चे।
अग्निफेरा ना चाहिए अभी अभी तो और देखनी है दुनिया! अग्निफेरा ना चाहिए अभी अभी तो और देखनी है दुनिया!
जो मृत्यु का पैगाम बनकर आया है वो खुदा का एक पैगाम हो। जो मृत्यु का पैगाम बनकर आया है वो खुदा का एक पैगाम हो।
बारिशों की रातों में चांद को ढूंढता हूं मैं सहर हूं , शाम को ढूंढता हूं। बारिशों की रातों में चांद को ढूंढता हूं मैं सहर हूं , शाम को ढूंढता हूं।
पैसा तब मिट्टी का धेला रह जाता पैसा अपना खेल दिखाता ख़ूब नचाता। पैसा तब मिट्टी का धेला रह जाता पैसा अपना खेल दिखाता ख़ूब नचाता।