मै लड़की हूँ लड़ सकती हूँ
मै लड़की हूँ लड़ सकती हूँ
मैं लड़की हूं,
लड़ सकती हूं..
बस पीछे-पीछे रही सदा,
अब आगे चल सकती हूँ..
सीधा रस्ता यदि मिले नहीं,
मैं पर्वत भी चढ़ सकती हूँ!
मैं लड़की हूं,
लड़ सकती हूँ!
मैं कमनीय हूँ ना कोमल हूँ,
तूफानों में अड़ सकती हूं!
यदि रिश्ते मुझको बोझ कहें,
नए रिश्ते भी गढ़ सकती हूँ!
मैं लड़की हूँ,
लड़ सकती हूँ!
दे दो मुझको सब किताबें,
मैं सबक सभी पढ़ सकती हूँ!
कर लो मुझ पर विश्वास जरा,
सब मुश्किल हल कर सकती हूँ!
मैं लड़की हूँ,
लड़ सकती हूँ!
गाय हूं मैं, हाँ! सच है ये
व्याघ्री भी बन सकती हूँ!
मैं लड़की हूँ, है पता मुझे
संतति मै ही जन सकती हूँ!
मैं लड़की हूं,
लड़ सकती हूँ!
बोलूं तो कहें लड़ाका सब,
कहे बुद्धिहीन चुप रहती हूँ!
सब दुनिया की क्यों बात सुनूं,
नए तर्क सभी गढ़ सकती हूँ!
मैं लड़की हूँ,
लड़ सकती हूँ !!