सुनो बच्चों
सुनो बच्चों
1 min
295
सुनो बच्चों...
देखा है कभी,
अल सुबह उठ,
उगते हुए सूरज को?
महसूस की है...
ओस में डूबे,
जीवन से भरे,
पत्तों की थरथराहट,
सिंदूरी आसमान के,
ठीक बीच..
पंख पसारे..
उड़ते उस विहग को,
कैनवास पर,
खिंचे चित्र सा!
हां! बिल्कुल
वैसा ही चित्र!
महसूस की है..
अंतर्मन और,
अंग-अंग को..
सुवासित करती..
सुबह की,
सबसे साफ,
हवा की वो ताजगी
रोम-रोम को,
भरती हुई, सकारात्मकता से..
नहीं देखा?
चलो कोई नहीं!
आज सो जाना जल्दी!
रख देना मोबाइल बैटरी निकाल कर..
ताकि अनुभव कर सको..
उसे...
जिसे सिर्फ़
महसूस किया जा सकता है.