मासूम फूल
मासूम फूल
आज दिल ठहर गया सुनकर यह खबर,
न जाने उस मासूम फूल को किसकी लगी नजर।
चारों और राजनीति की खिचड़ी पक रही है,
पर दर्द से वह मां दिल ही दिल में तड़प रही है,
कुछ दिन बाद मिलूंगी, मैं ,उससे ,
अपने सीने सेे लगाऊंगी और प्यार से लोरी सुनाऊंगी
क्या पता था उसको, उस अंधियारे काल में क्या होने वाला है ,
काल ,उसके जिगर के लाल को उससे दूर ले जाने वाला है ।