हौसला
हौसला
पतंग सिखाती है ऊपर उठते जाना है
अपने हौसले को फिर आजमाना है।
उस नीले आसमान को छू कर
अपना निशान छोड़ आना है।
देखें जब जमीं से कोई मेरा नाम
तो आसमां भी गाये मेरा गान।
हौसला है जरूरी
यही सिखाती है कागज की पतंग।
ऊपर उठकर भी धरा पर ही हे
आना पर कुछ करकेे ही जाना।
अपने हौसले को फिर आजमाना
अपने हौसले को फिर आजमाना।
