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Nilima Paliwal

Abstract

4.3  

Nilima Paliwal

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दिलवाली हिंदी

दिलवाली हिंदी

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 मिश्री से खुल जाए दिल में

ऐसी मेरी बोली है,

 हर दिल को छू जाए ऐसी मेरी भाषा है,


 मैं इठला मैं इठला लाकर सबको हर्षित करती हूं

 प्रेम भाव को बढ़ाकर सबको एकजुट करती हूं


कोई कहता मुझे मैं प्यार का झरना हूं

खुद को विनम्र रख मैं, सब पर राज करती हूं


हां, मैं हिंदी हूं सबके दिल पर राज करती हूं

हां, मैं हिंदी हूं सबके दिल पर राज करती हूं

हाॅॅं, मैं हिंदी भाषा हूं सब से प्यार करती हूं।


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