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Birendra Nishad शिवम विद्रोही

Romance

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Birendra Nishad शिवम विद्रोही

Romance

मासूम दिल

मासूम दिल

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शक रहा होगा तुम्हें कि हम छोड़ जाएंगे

तेरे मासूम से दिल को यूँ ही तोड़ जाएंगे।


कहा भी था हमने, हो अकेले कहाँ तुम

जब भी करोगे याद तुम, हम चले आएंगे।


कितना चाहा तुम्हें हम, बताए भला कैसे

अहसास होगा तुम्हें जब हम चले जाएंगे।


ये 'विद्रोही' याद आओगे तुम बहुत, जब

दर्द हम अपना यूँ, किसी से गुनगुनायेंगे।


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