मां
मां
जब कहूं मै तुम्हे,
की लोरी सुना दो,
आंखे दिखा के कहती हो,
"बड़ी हो गईं हो तुम"
जब देरी हो जाए,
कभी आने में,
तो चिन्ता करती हो,
"बड़ी नहीं हुई हो तुम"
ऐसा कहती हो,
झगड़ती हु भाईयो से,
तो हु मै शैतान,
"बच्ची नहीं हों तुम",
डाट के कहती हो,
बड़ो वाली बाते करु,
तब भी मुश्किल में पर जाति हूं,
सुनाती हो ऐसा कुछ,
की मै घूम जाति हूं,
तेरे निश्चल से प्यार में,
मैं रोज़ फस जाती हूं,
बड़ी हूं या बच्ची,
समझ ही नहीं पाती हूं।