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Priyanka Rahuja

Classics Children

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Priyanka Rahuja

Classics Children

माँ

माँ

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वैसे तो याद नहींं आती मां

वैसे तो याद नहींं आती मां

बस सुबह उठकर पहली चाय तेरे हाथ की मिले 

तब तेरी याद आती है।


जब कहीं जाने के लिए तैयार हो जाऊं

और तेरा कहना आज मेरी बेटी किसी 

परी से कम नहींं लग रही 

 तब तेरी याद आती है।


वैसे तो याद नहींं आती पर जब आज

तेरी लाडली बेबी के घर जाती

और उनके नखरे देखती

कोई कहता मुझे आज गरम पुलाव खाना है 

कोई कहता मुझे आज गरम रोटी खाना है

बस तब तेरी याद आती है।


बस तब तेरी याद आती है मां

जब घर में नोक झोंक हो 

और तू मेरा पक्ष लेती बस तब।


आधी नींद में जब नींद खुले और हमारा चिल्लाना

मम्मी पानी.....और तेरा मटकी का ठंडा ठंडा पानी लाना

बस तब तेरी याद आती है।


वैसे तो याद नहींं आती पर 

जब कोई मुसीबत आए और 

तेरा साहसी रूप में कहना

मेरे वाहेगुरु पर भरोसा रखो

बस तब तेरी याद आती है।


बारिश में भीगकर आऊँ और तेरा कहना 

पहले बाल पोंछ 

बस तब तेरी याद आती है। 


जब तेरे दोनों लाडले कही बाहर जाएं

और तेरा मेरा घर पर रहना

और गरम पराठे खाना 

तब तेरी याद आती है।


आज जब घर पर मेहमान आते है 

और कहते है कि तुम्हारी मां से ही 

घर पर रौनक थी बस

तब तेरी याद आती है ।


वैसे तो याद नहींं आती पर 

जब आज मुझे कोई ये कहता 

प्रिया तू तो बिलकुल अकेली पड़ गई

तब तेरी बहुत याद आती है मां।


जितना लिखूं कम है 

पल पल तेरी याद आती है मां

पर फिर भी....

वैसे तो याद नहीं आती मां 

वैसे तो याद नहीं आती मां।


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