STORYMIRROR

Rishab K.

Classics Inspirational

4  

Rishab K.

Classics Inspirational

मां तुम ना होते

मां तुम ना होते

1 min
334

मैं इस दुनिया को देख भी ना पाता,

अगर तुम ना होते।

मुझको चलना कौन सिखाता,

अगर तुम ना होते।


गोद में कोन सुलाता,

प्यार से कौन खिलाता,

अगर तुम ना होते।

मैं तो भीड़ में खो ही जाता,

खुद की पहचान कैसे बनाता,

अगर तुम ना होते।


मेरी जिंदगी, मेरा वजूद हो तुम;

मेरा फजर ,मेरी तहज्जुद हो तुम,

मैं तो सच में मर ही जाता,

अगर मां तुम ना होते।

अगर मां तुम ना होते।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics